नमस्कार दोस्तों! आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे मिड डे मील योजना और इससे जुड़े वर्कर्स के वेतन में वृद्धि के बारे में। यह कदम न केवल मिड डे मील वर्कर्स के लिए एक राहत लेकर आया है, बल्कि यह स्कूली बच्चों को बेहतर पोषण और शिक्षा प्रदान करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
भारत सरकार ने मिड डे मील वर्कर्स के न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर ₹7,000 प्रति माह करने का फैसला किया है। यह नया वेतन 1 जनवरी 2024 से लागू होगा। इस वेतन वृद्धि से देशभर के 26 लाख कार्यकर्ताओं को लाभ मिलेगा।
न्यूनतम वेतन और नए लाभ
- मिड डे मील वर्कर्स का न्यूनतम वेतन ₹7,000 प्रति माह तय किया गया है।
- यह वेतन पहले के मुकाबले 40% अधिक है।
- अब कार्यकर्ताओं को पूरे 12 महीने का वेतन मिलेगा।
- वार्ड भत्ता (Ward Allowance) भी बढ़ाकर ₹2,500 कर दिया गया है।
- सामाजिक सुरक्षा लाभ जैसे पेंशन और ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा भी शामिल है।
नए वेतन का असर
सरकार के इस फैसले से मिड डे मील योजना की गुणवत्ता में सुधार होगा। वेतन बढ़ने से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और वे बच्चों को बेहतर पोषण और सेवा प्रदान कर सकेंगे।
Also Read
मिड डे मील वर्कर्स की मांगें
हालांकि सरकार ने वेतन बढ़ाया है, लेकिन मिड डे मील वर्कर्स ने अपनी कुछ और मांगें रखी हैं:
- ₹28,000 न्यूनतम मासिक वेतन।
- समय पर वेतन भुगतान, हर महीने की 7 तारीख तक।
- बेहतर कार्य स्थितियां और सुविधाएं।
मिड डे मील योजना का महत्व
मिड डे मील योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। यह योजना स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करती है, जिससे उनकी स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार होता है।
निष्कर्ष
मिड डे मील वर्कर्स के वेतन में यह वृद्धि एक स्वागत योग्य कदम है। इससे न केवल कार्यकर्ताओं का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि स्कूली बच्चों को भी बेहतर सेवा और पोषण मिलेगा। सरकार को कार्यकर्ताओं की बाकी मांगों पर भी ध्यान देना चाहिए।
अगर यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे शेयर करें और अपनी राय कमेंट में बताएं।